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डीआई फंड को समाप्त कर भूमि एवं भू-राजस्व विभाग में समाहित करने के लिए भूमि सर्वेक्षण का कार्य शुरू।

नक्सलबाड़ी : ब्रिटिश काल में शुरू किए गए डीआई फंड यानी डिस्ट्रिक्ट इम्प्रूवमेंट फंड को खत्म कर भूमि सर्वेक्षण का काम राज्य के भूमि एवं भू-राजस्व विभाग में शामिल किया जाने लगा है। सिलीगुड़ी महकमा परिषद और भूमि व भूमि राजस्व विभाग की पहल पर डीआई फंड भूमि सर्वेक्षण का काम मंगलवार को नक्सलबाड़ी से शुरू हुआ। 

आज ही के दिन नक्सलबाड़ी के स्टेशन मोड़ से इस कार्य की शुरुआत हुई, सिलीगुड़ी महकमा परिषद के सभाधिपति अरुण घोष ने कहा कि डीआई फंड भूमि सर्वेक्षण का काम आज से शुरू हो गया है। इसके बाद शेष बचे ब्लॉक खोरीबाड़ी, फांसीदेवा और माटीगाड़ा में सर्वे किया जायेगा. 

व्यापारियों के पास डीआई फंड भूमि पर कोई सुख सुविधा या अधिकार नहीं है। उन्हें कोई लाभ नहीं मिलता पूजा से पहले जमीन का सर्वे पूरा कर लिया जायेगा और बाद में यह तय किया जायेगा कि इसे व्यापारियों के बीच कैसे बांटा जायेगा हालांकि सभाधिपति ने कहा कि डीआई फंड की जमीन पर रहने वाले किसी भी व्यक्ति को वंचित नहीं किया जाएगा  जमीन सर्वे से व्यवसायी वर्ग में खुशी है। 

नक्सलबाड़ी भूमि एवं भू-राजस्व अधिकारी बिप्लब हलदर ने कहा कि आखिरी बार भूमि सर्वेक्षण 2015-16 में किया गया था। उसे देखते हुए हमने ये सर्वे शुरू किया। लोक कल्याण कर इस जमीन पर जो लोग बैठे हैं उनका हक दिलाने के लिए यह सर्वे किया जा रहा है। हालांकि भूमि सर्वेक्षण कार्य नहीं बुला पाने से नक्सलबाड़ी व्यवसायी संघ नाराज है। 

नक्सलबाड़ी व्यवसाई समिति के अध्यक्ष निखिल घोष ने कहा कि यह सर्वे पूरी तरह अंधेरे में शुरू किया गया इस बीच, खेल जारी है। हमने पहले भी विरोध किया और प्रशासन को लिखा लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।  लेकिन ठीक से सर्वेक्षण करें जिनका कब्जा है। उन्हें उनका हक दिया जाए।

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