नक्सलबाड़ी : राज्य में शिक्षक नियुक्ति घोटाले को लेकर अदालत ने इसे संस्थागत भ्रष्टाचार करार दिया है। इस ऐतिहासिक फैसले के बाद योग्य उम्मीदवारों के हक में आवाज उठाने का बीड़ा उठाया है शिक्षक संगठन ABTA ने। रविवार की शाम, नक्सलबाड़ी बस स्टैंड पर ABTA और ABPTA के संयुक्त तत्वावधान में एक जनसभा का आयोजन किया गया।
सभा का उद्देश्य था आम जनता को यह समझाना कि किस तरह राज्य सरकार भ्रष्टाचार को ढकने के लिए अब पार्टी कार्यकर्ताओं को आगे कर रही है और पूरी ज़िम्मेदारी सीपीएम के सिर मढ़ने की कोशिश कर रही है। सभा में वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि आम लोग अब समझ चुके हैं कि नियुक्ति घोटाले में करोड़ों रुपये मंत्रियों और नेताओं की जेब में गए हैं।
अयोग्य उम्मीदवारों को नौकरी देने से राज्य की शिक्षा व्यवस्था गंभीर संकट में है। अदालत के फैसले के बाद 26 हज़ार शिक्षक बेरोजगार हो गए हैं, जिससे स्कूलों का संचालन कठिन हो गया है। इसी मुद्दे पर ABTA के दार्जिलिंग जिला सचिव विद्युत राज गुरु ने कहा राज्य की शिक्षा प्रणाली गहरे संकट में है, और हम योग्य शिक्षकों के साथ खड़े होकर संघर्ष जारी रखेंगे।
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